शिवमस्तु सर्व जगतां परहितनिरता भवन्तु भूत गणा:।
दोषा: प्रयान्तु शान्तिं सर्वत्र सुखी भवन्तु लोक:।।
भावार्थ:- समस्त जगत का कल्याण हो, दुसरे के हित के लिए सोचने वाले लोक हो, सभी दोषों की शांति हो, सर्वत्र सभी लोको का कल्याण हो !!
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